मेरा प्यारा नन्हा सुधारक | जयोम के मुख से | विविध - संकलन

मेरा प्यारा नन्हा सुधारक | जयोम के मुख से | विविध - संकलन

ज़रा गलती कर के तो देखो

लगता था छोटे से जयोम को हम गलतियां सुधारकर अच्छा बोलना सिखाएंगे. पर यहां तो आलम कुछ और ही है.
वो हमारी गलतियां सुधारता है. मेरा प्यारा नन्हा सुधारक...

परसों रात उसे लोरी सुना रही थी. उसे ये वाली लोरी बहुत पसंद है. पॅरोडी है, मैंने बनाई है, पर बनवाई उसने ही है. एक दिन, कहने लगा, “मम्मा, मून का गाना सुनाओ”. अब इतने अंग्रेज़ी गाने तो मैं सुनती नहीं, कि उसमें से छांट कर कोई लोरी लायक गाना सुना दूं, तो “आवारा भंवरे” की तर्ज पर ये बुन दिया:

मून मून रे मून मून, तुम हौले हौले आना,
मेरे जयोम को तुम प्यार से सुलाना,
मीठा सा ये गाना, धीरे से तुम गाना,
हौले हौले से गुनगुनाना,
जयोम को है सोना,
फिर काहे का रोना,
(जयोम सोने की कोशिश कर रहा है, तो ये तो खुशी मनाने की बात है ना :D)
जल्दी से आ जाओ चंदा मामा...

कल उसकी फरमाइश पर, उसके चलते-फिरते जीते-जागते "म्युज़िक प्लेयर”*, यानि मैंने, उसके लिए ये गाना शुरु कर दिया.
दो तीन बार सुनाने के बाद, मुझे खुद नींद के झौंके आने लगे.
गलती से, पहली पंक्ति में "हौले हौले" की जगह, मैंने "धीरे-धीरे" गा दिया.
तो तुरंत कहता है, “अं, हौले हौले बोलो.” :)

मुझे न चाहते हुए भी हंसी आ गई. और जयोम को तो हंसी में साथ देना ज़रूरी होता है.
तो इस तरह नींद फिर से उड़ गई.
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ऐसे गलत बात होती है...
एक दिन सुमन दीदी से लोशन लगाते वक्त बोला, "दीदी ताता है". दीदी ने कहा, “नहीं बेटा, ये तो ठंडा है”, बोला, "नहीं ताता है." 
दीदी ने कहा,"ततड़ ततड़ है क्या", तो बोला, नहीं (फिर बाल में हाथ फिरा कर स्टेप कर के बताई) 
"ये होता है ततड़ ततड़" :D 
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जब जयोम पर बहुत लाड़ आता है, तो मैं कहती हूं, मेरा चुन्नू, मेरा मुन्नू, मेरा लड्डू, मेरा गुड्डू आदि. अपने पापा से खुश होकर कहता है, "मम्मा चुन्नू-मुन्नू बोली." आज जब मैंने लाड़ से गले लगाया, और मेरा चुन्नू मेरा मुन्नू मेरा गुड्डू कहा, 
तो कहता है, "लड्डू बोलो" 
कुछ छूट जाए तो अधूरा सा लगता है जयोम को :) 

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जयोम की शरारतों पर कभी कभी हंसी आती है, कभी गुस्सा, और कभी हैरत भी होती है. ऐसे ही उससे हैरान होकर एकाध बार सुमन दीदी ने कह दिया, "बदमाश, दुनिया भर का" तो एक दिन जब सुमन दीदी ने जयोम से कहा, “बदमाश”, जयोम पटाक से बोला, "दीदी बदमाश मत बोलो". वो बोली, "नहीं बोलूं?" तो कहता है, "दुनिया भर का” यानि, बोलना है, तो पूरा बोलो :D 

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*हां, सच, आजकल मैं आवाज़ से नियंत्रित "म्युज़िक प्लेयर” ही हूं. अपनी मर्ज़ी का कोई गाना गाऊं, (दिन भर में कभी भी) तो कहता है, “मम्मा, ये वाला मत गाओ”. फिर पूछो, तो कौन सा गाऊं, तो कभी कहता है, "ततड़ ततड़” (इस पर नाचना पसंद है) , कभी "राम-लीला” (उसमें तुडूंग कहती हूं, तो नकल करने में अच्छा लगता है) कभी “देसी बॉएज़” और इस फरमाइश की सूची में नित नए गाने जुड़ रहे हैं :) अब उसके म्युज़िक प्लेयर को नए गाने रिकॉर्ड करने होंगे :) 


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