गूगल प्लस से करें अपनी रचनाएं सुरक्षित

गूगल प्लस से करें अपनी रचनाएं सुरक्षित

पिछले दिनों एक सह-चिट्ठाकार की गूगल प्लस पर पोस्ट पढ़ी. इस पोस्ट में उन्होंने एक प्रकट रूप से फर्जी अकाउंट वाले खाताधारी पर अपनी कृति को चोरी कर, बिना अनुमति अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने का आरोप लगाया था. पोस्ट में उन्होंने एक चित्र भी लगाया, जो उनके अनुसार इस “चोरनी” का था. अब परेशानी ये है, कि वो चित्र जाने किसका है, फर्जी खाते के स्वामी ने उसे भी चुरा लिया हो तो? ये महिला उल्टा मानहानि का दावा कर दें तो? 

सबसे बड़ी बात ये है, कि ऐसे तरीकों से वास्तविक रचयिता को कोई लाभ नहीं होता, लाभ तो “चोरों” को होता है, जितना हम उनके पोस्ट को शेयर करेंगे (भले ही चोरी बताकर) उतने ही उनके "बॅकलिंक्स" की संख्या बढ़ेगी. अधिकांश सर्च इंजिन अधिक बॅकलिंक्स वाली साइट्स को अधिक वरीयता (preference) देते हैं. हमारे साझा करने से हमारे मित्रगण भी जाकर देखेंगे, जिसके कारण चोर महाशय की साइट की विज़िट्स की संख्या भी बढ़ेगी. और तो और, चूंकि ऐसे नकलची लोग प्राय: अन्य साइट्स से भी सामग्री की नकल कर लेते हैं, तो उनकी पेज संख्या भी अमूमन ज़्यादा ही होगी - फिर वही - गूगल सहित अधिकांश सर्च इंजिन उन्हें प्राथमिकता देंगे, और उनकी “पेज रैंकिग” व “सर्च इंजिन रिज़ल्ट” अच्छे होते जाएंगे.

अंतरजाल पर चोरी पकड़ना तो कठिन है ही, चोर के विरुद्ध सफल, सार्थक कार्यवाही करना और भी पेचीदा है. इसका एक कारण ये है, कि अक्सर ही रचयिता, विशेषतया चिट्ठाकार प्रायः स्वांत: सुखाय लेखन करते हैं. उनके पास रचना के मौलिक होने का, और रचयिता होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं होता. “चोर” भी इसी बात के कारण आत्मविश्वास से भरे होते हैं, इसी बात का फायदा उठाते हैं. 

एक बार मैंने एक वकील से परामर्श किया था. सारांश यह था, कि कॉपीराइट रेजिस्टर्ड हो या नहीं, यदि आप रचना के अपने द्वारा प्रथम प्रकाशन को सिद्ध कर सकें, तो आप रचयिता होंगे, और रचना पर कॉपीराइट आपका माना जाएगा. परंतु ब्लॉग पोस्ट की प्रकाशन तिथि में बदलाव संभव होने के कारण, ब्लॉग पर रचना का किसी तिथि पर प्रकाशित होना प्रामाणिक नहीं माना जा सकता. हालांकि गूगल आदि की मदद से पोस्ट का प्रथम प्रकाशन प्रमाणित करना संभव हो सकता है, पर इसका रास्ता क्लिष्ट और लंबा है.     

एक अत्यंत सरल तरीका है, चित्र में अपनी पूर्ण या आंशिक रचना का समावेशन कर के उसे गूगल प्लस फेसबुक आदि प्रसिद्ध सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर साझा कर देना. तारीख तब प्रामाणिक होगी, क्योंकि लिखित पोस्ट्स को “एडिट” कर के बदलना संभव है, पर चित्रों अथवा वीडियो में बदलाव संभव नहीं होता - इन्हें केवल डिलीट ही किया जा सकता है.

रचना छोटी हो, जैसे शेर, दोहा, मुक्तक, छोटी कविता आदि, तब तो पूर्ण समावेशन (inclusion) अनुशंसित (recommended) है. बढ़ी रचनाओं या लेख आदि के विभिन्न अंश अलग अलग चित्रों में सम्माहित कर प्रकाशित किए जा सकते हैं. ठीक वैसे जैसे पत्रिकाओं में लघु-कथा, लेख आदि की कुछ पंक्तियां, किरदारों के डायलॉग आदि, चित्रों पर लिखे होते हैं.

पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि ये और एक झमेला - एक और नया सॉफ्टवेयर सीखना और इनस्टॉल करना पड़ेगा. पर नहीं, केवल गूगल प्लस ही आपका काम कर देगा. हालांकि बहुत अच्छे से करना चाहें, लिखित अंशों के चित्र पर “पोज़िशन” पर पूरा नियत्रंण चाहें, तो कुछ आसानी से सीखे जा सकने वाले नि:शुल्क सॉफ्टवेयर भी हैं, जैसे Gimp, Inkscape. और तो और, आप के स्मार्ट फोन पर भी कई एप्प्स मिल जाएंगी, जो ये काम चुटकी बजाते कर देंगी. 

पर इस लेख में हम गूगल प्लस की ही बात करेंगे.

ये रहे गूगल प्लस से चित्र पर “टेक्सट” लगाने के लिए अनुक्रमिक निर्देश

  1. गूगल प्लस पर अपने अकाउंट में प्रवेश करें.
  2. ऊपर के “टैब्स” - "संक्षिप्त विवरण, पोस्ट, फोटो, वीडियो, समीक्षाएं" में से पोस्ट पर क्लिक करें


  3. शेयर बॉक्स पर क्लिक करें (जहां हल्के अक्षरों में लिखा हो, “साझा करें कि क्या नया है”)


  4. "फोटो" (कैमरे का ऑइकन) पर क्लिक करें
  5. “कंप्यूटर से अपलोड करें” पर क्लिक करें


  6. नेविगेट कर अपनी पसंद के चित्र को चुनें
  7. चित्र का “प्रिव्यू” आपको दिखाई देगा, उसके ठीक नीचे T यानि “लेख जोड़ें” पर क्लिक करें


  8. दिए गए तीन खंडों में से किसी में भी आप अपनी रचना के अंश कॉपी-पेस्ट कर सकते हैं. जब टेक्सट ज़्यादा हो जाएगा, तो संभव है प्रिव्यू में न दिखाई दे. पर सहेजने पर चित्र में लेख का समावेश हो जाएगा. अंग्रेज़ी के फॉण्ट को बदलना भी संभव है, चित्र देखें.


  9. “सहेजें” पर क्लिक करें. अगर तुरंत चित्र में टेक्सट न दिखाई दे, तो ४-५ पलों का धैर्य रखें
  10. या तो शेयर करें, या किसी एल्बम में जोड़ें.


किसी के द्वारा आपकी रचना को चोरी किए जाने पर, आप उन्हें सीधा संदेश भेजें, बताएं कि रचना को न हटाए जाने की सूरत में आप उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं. प्राय: इतने से काम हो जाता है. मेरे एक अंग्रेज़ी लेख को एक साइट से जस का तस प्रकाशित कर दिया था, मेरे उन्हें शिकायती संदेश भेजने के दो दिन के अंदर उस लेख को वहां से हटा लिया. 

किंतु जब चेतावनी से बात न बने, और जब आप किसी “चोर” किस्म के महानुभाव पर कार्यवाही करना चाहें, तो इस लिंक पर जाकर DMCA Form को भर गूगल को सब्मिट करें, ब्लॉगर से जुड़ी शिकायत के लिए, सीधे दूसरी लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. 


प्रथम लिंक पर क्लिक किया हो तो, आपकी सहूलियत के लिए चयनित विकल्प चित्र में दर्शाए गए हैं, पर फिर भी ध्यान से सभी विकल्पों को पढ़ें. 




DMCA फॉर्म में सही जानकारी ध्यान से भरें. Identify and Describe the Copyrighted work में अपने ब्लॉग पोस्ट की लिंक के अतिरिक्त उस चित्र/पोस्ट की लिंक भेजें जो हमने ऊपर लेख समावेशित कर बनाया है. 

DMCA फॉर्म स्वीकार होने पर, और आपके द्वारा भरी जानकारी सही पाने पर, गूगल सर्च से चोर महाशय की लिंक को हटा दिया जाएगा. ज़्यादा शिकायतें आने पर उनका अकाउंट ब्लॉक, अथवा रद्द भी किया जा सकता है.

आप और आगे भी कानूनी कार्यवाही अपने वकील से सलाह लेकर कर सकते हैं.

चित्र में लेख जोड़ने संबंधित सुझाव ~
  1. बहुत लंबी रचना हो, तो कुछ पंक्तियां ऊपर के, और कुछ पंक्तियां नीचे के खंड में भी जोड़ी जा सकती हैं.
  2. अपने चित्रों में वाटरमार्क लगाने का भी ये सरल तरीका है.
  3. ६-८ पंक्तियों की रचना को पूर्ण रूप से, और भी अधिक बड़ी रचना को आंशिक रूप से जोड़ें
  4. आप चाहें तो इस चित्र को “निजी” रख सकते हैं. गूगल प्लस पर साझा करना आवश्यक नहीं है. बस इस प्रति को यहां छोड़ दें. आप इसे डाउनलोड कर अपने ब्लॉग पर अपलोड कर सकते हैं, या फिर, इस चित्र की URL की मदद से भी ब्लॉग पर इसे जोड़ सकते हैं
  5. गूगल पर साझा कर रहे हों, तो चित्र के विवरण में अपनी रचना का URL लिंक अवश्य जोड़ें, इससे आपके बॅकलिंक भी बढ़ेंगे और साइट पर विज़िट्स भी.






क्या आप जानते हैं, कि चित्रों के संग (विशेषकर अच्छी गुणवत्ता - यानि "हाई रेसोल्यूशन" वाले चित्रों के संग) साझा की हुई रचना मान्य रूप से सारी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ज़्यादा ध्यान आकर्षित करती है? यही नहीं, गूगल सर्च भी चित्रों के शामिल किए जाने पर आपके ब्लॉग को अधिक वरीयता देगा. इसके अतिरिक्त एग्रीगेटर, फीड रीडर आदि में भी चित्र आपके ब्लॉग पोस्ट को एक आकर्षक “प्रिव्यू” देंगे, और पाठकों का ध्यान खींचेंगे. चित्र आपके लेख को और भी सुंदर, सुसज्जित, रुचिकर और उपयोगी बनाने में अपना पूर्ण सहयोग देंगे.

हो गया ना सोने पे सुहागा?       

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